मसीह का अंगीकार
- Jeffrey D'souza
- Aug 2, 2020
- 2 min read
Updated: Oct 11, 2020
जो कोई मनुष्यों के सामने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गीय पिता के सामने मान लूंगा, पर जों कोई मनुष्यों के सामने मेरा इन्कार करेगा उससे मैं भी अपने स्वर्गीय पिता के सामने इन्कार करूंगा। (मत्ती 10.32,33) यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जान कर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओंं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।
क्या गुप्त रूप में विश्वासी बना रहना सम्भव है?
उद्धार के ये दो भाग हैं-
हृदय से विश्वास करना, जो कि प्रभु येशु को उद्धारकर्ता करके ग्रहण करना है।
अपने मुंह से अंगीकार करना कि येशु मसीह ही प्रभु है।
मसीह ने जो कुछ आपके लिए किया है, उसके कारण आपको उसका अंगीकार करना है। हमें महान उद्धारकर्ता द्वारा बचाया गया है और हमें निश्चय ही यह बात सब लोगों को बतानी चाहिए।
मसीह का अंगीकार करने में व्यक्ति को क्या कहना चाहिए?
मसीह का अंगीकार इस तथ्य की गवाही देना है कि वह व्यक्ति मसीही है। गवाह वह होता है जो कुछ जानता है। गवाही देना आवश्यक रूप से उपदेश या प्रचार करना नहीं है, परन्तु उन त्थयों की सीधी-सादी कहानी बताना है जिनको हम जानते हैं। गवाह का ज्ञान सकारात्मक, निश्चित, व्यक्तिगत होना चाहिए। यह सुना-सुनाया या काल्पनिक नहीं होना चाहिए। यह ऐसा ज्ञान होना चाहिए जिसने उसकी पांचों इन्द्रियों में से एक को तो प्रभावित किया हो।
मसीह के साक्षी के लिए आवश्यक है कि वह स्वयं उद्धार प्राप्त हो।
अपने हृदय परिवर्तन और जीवन बदल जाने के सीधे-सादे तथ्य को व्यक्त कर दीजिए।
उन प्रार्थनाओं के उत्तर बता दीजिए जो आपको प्राप्त हुए है।
बताइए कि मसीह ने किस प्रकार आपको पूर्णतः सन्तुष्ट किया
पाप और परीक्षाओं पर अपनी व्यक्तिगत विजय के विषय में बताइए।
बाइबल के अपने प्रिय पदों को बताइए।
अपने मित्रों को मसीह का सुसमाचार दीजिए।
हिन्दी में पॉडकास्ट भी सुन सकता है।
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