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क्षमा

Updated: Oct 11, 2020


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आज मैं एक सुन्दर और बहुत लोगों के जीवन में आवश्यक बात ला रहा हूँ, और वह है क्षमा। क्षमा के विषय पर आप के मन में जो गलत फैमी है वो दूर हो इसलिए इस एपिसोड़ आप के बारे में सोचकर यह आ रहे हैं।

मनुष्य के पतन के कारण सभी मनुष्य पापी हो गए। पाप एक ऐसी चीज़ है जो मनुष्यों के आत्माओं को मृत स्थिती में रखते हैं और स्वर्ग से बाहर रखेगी। परमेश्वर ने यह व्यवस्था दे दी थी – जो प्राणी पाप करे, वही मर जाएगा। पाप मृत्यु लाया, और चूंकि मनुष्य ने पाप किया, इसलिए उसके फलस्वरूप उसका मरना अवश्य है। स्वर्ग एक पवित्र स्थान है और कोई बुराई वहां कभी भी प्रविष्ट नहीं हो सकती। स्वर्ग में पहुंचने का मूल-सिद्धान्त पवित्रता है। यदि हम पवित्र हैं तो फिर कोई भी हमें स्वर्ग में प्रवेश करने से नहीं रोक सकेगा।

पुराने नियम में क्षमा के लिए तीन शब्दों का प्रयोग हुआ है – एक का अर्थ है ढांप देना, दूसरे का अर्थ है, उठाकर दूर कर देना, और तीसरे का अर्थ है, दूर भेज देना। नए नियम में क्षमा, मसीह के बलिदान द्वारा और पूरी तरह से अनुग्रह के आधार पर पापी को उसके पोपों पृथक कर देना है।

चूंकि पापी ने परमेश्वर के नियम को तोड़ा है, इसलिए केवल परमेश्वर ही उस पाप को क्षमा कर सकता है। यदि आप मेरा फोन चुरा लेते हैं तो मैं उसके लिए आपको क्षमा कर सकता हूँ, परन्तु यदि आप भारत देश के किसी कानून को तोड़ते हैं, तो उसके लिए मैं आपको क्षमा नहीं कर सकता।

जब आप परमेश्वर का कानून तोड़ते हैं, तो पृथ्वी का कोई भी मनुष्य आप को क्षमा प्रदान नहीं कर सकता, केवल परमेश्वर ही आपको क्षमा कर सकता है। केवल परमेश्वर ही पाप क्षमा कर सकता है। जब आपने परमेश्वर का नियम तोड़ा है तो क्षमा के लिए कभी भी मनुष्य के पास मत जाइए, सीधे परमेश्वर के पास जाइए। क्षमा के लिए किसी भी मानव मध्यस्थ के पास मत जाइए, जिसके विरुद्ध पाप किया है सीधे उसी के पास जाइए। प्रभु परमेश्वर, पापियों को क्षमा प्रदान करने के लिए तैयार है। यीशु, परमेश्वर और परमेश्वर का पुत्र दोनों ही है, इसलिए उसे पापों को क्षमा करने के लिए नियुक्त किया गया है। उसी को परमेश्वर ने प्रभु और उद्धारक ठहरा कर, अपने दाहिने हाथ से सर्वोच्च कर दिया, कि वह इस्राएलियों को मन फिराओ की शक्ति और पापों की क्षमा प्रदान करे।

क्षमा का माध्यम – यीशु मसीह

इसलिए हे भाइयो और बहनो तुम जान लो कि यीशु के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है। यह पाप के भार से दबी हुई आत्माओं के लिए उद्धार का एक अद्भुत सन्देश है। यीशु आज शारीरिक रूप में यहां नहीं है, परन्तु वह अदृश्य रूप में यहां उपस्थित है और हम सें से प्रत्येक को क्षमा करने के लिए तैयार है। हम इसी क्षण अपनी आंखे बन्द करके अपने पापों के विषय में सब कुछ उसे बता सकते हैं और वह क्षमा कर देगा। क्षमा किसी कलीसिया, धार्मिक रीति, या संस्कार में प्राप्त नहीं हो सकती, यह मात्र मसीह में मिल सकती है।

क्षमा का आधार

1. क्षमा, प्रभु की करुणा के आधार पर दान में दी गई है।

2. क्षमा, ईश्वरीय न्याय के आधार पर दान में दी गई है। परमेश्वर पाप को क्षमा कर सकता है और फिर भी वह पवित्र और धर्मी बना रहता है।

3. क्षमा, यीशु मसीह के लोहू के आधार पर दान में दी गई है। लोहू द्वारा, का अर्थ मसीह का क्रूस पर किया गया प्रायश्चित का कार्य है। यीशु मसीह ने क्रूस पर अपना लोहू बहा कर हमारे छुटकारे के लिए दाम चुकाया और अनन्त उद्धार के लिए पूर्ण भुगतान कर दिया।

पाप के भुगतान के लिए परमेश्वर ने सदा ही लोहू की अपेक्षा रखी जो कि (शरीर का जीवन या) मृत्यु का प्रतीक है। क्योंकि शरीर का प्राण लोहू में रहता है, और उसको वेदी पर चढ़ाने के लिए दिया है, कि तुम्हारे प्राणों के लिए प्रायश्चित किया जाए, क्योंकि प्राण के कारण लोहू ही से प्रायश्चित होता है।

जब यीशु पाप क्षमा करता है, तो वह उसे पूर्ण रूप में क्षमा करता है, उसका तिहाई या आधा भाग या 9/10वाँ भाग नहीं, परन्तु सम्पूर्ण। परमेश्वर अपराध, पाप, अधर्म सभी को पूर्णतः क्षमा करता है। यह अत्यन्त महत्वपूर्ण बात है। यदि एक भी पाप बिना क्षमा रह जाता है तो व्यक्ति स्वर्ग में प्रवेश नहीं पा सकता, परन्तु उसे अनन्तकाल तक नरक में रहने पर बाध्य होना पड़ेगा। एक ही पाप आपको और स्वर्ग को हमेशा के लिए दूषित कर सकता है, एक ही पाप सभी मनुष्यों पर मृत्यु ले आया।

बहुत से लोग ऐसी आशा रखते हैं यह जानने के लिए कि उनको क्षमा कर दिया गया है या नहीं, मृत्यु तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। सुसमाचार यह शुभ सन्देश ले कर आया है कि क्षमा हमें वर्तमान में प्राप्त है। हम एक निःसन्देह सुसमाचार सन्देश प्रस्तुत करते हैं कि मनुष्य यहीं और अभी आश्वस्त हो जांए कि बिना सन्देह उनके पाप क्षमा कर दिए गए हैं।

क्षमा (पाने के लिए क्या शर्तें) कैसे प्राप्त करें

· पश्चाताप – पश्चाताप, क्षमा से पहले आता है..क्षमा प्रभु की अनुग्रह के द्वारा दी जाती है।

· विश्वास रखे और यह दान स्वीकार करें।

· अंगीकार – जिस पाप का अंगीकार नहीं किया जाता, उसे क्षमा नहीं किया जा सकता।

· दूसरों को क्षमा करना – यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

जितनी बार हम पाप करते और उसको मान लेते हैं, यीशु का लोहू हमें क्षमा करने के लिए उपलब्लध रहता है, यदि हम उन शर्तों को पूरा करते हैं जो ऊपर दी गई हैं। तब क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो, क्योंकि परमेश्वर तो हमें बड़ी सरलता से क्षमा कर देगा। हमें किसी को जो हमारे विरुद्ध पाप करता है, कितनी बार क्षमा करना चाहिए उद्धारकर्ता ने इस प्रश्न का उत्तर दिया है, सत्तर बार तक नहीं, वरन निरन्तर।

आज ही आइए और अपने समस्त पापों की क्षमा प्राप्त कीजिए और फिर जा और फिर पाप न करना।



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